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काजू और बादाम: कुछ बीमारियों के लिए इनसे बचें

सूखे मेवे आमतौर पर स्वस्थ माने जाते हैं। कई लोग अपने पोषण और ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए इन्हें बड़ी मात्रा में खाते हैं। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि सूखे मेवों का सेवन फायदेमंद और हानिकारक दोनों हो सकता है।

इन सूखे मेवों में मुख्य रूप से काजू और बादाम शामिल हैं, जिन्हें विभिन्न बीमारियों के दौरान टाला जाना चाहिए। इन स्थितियों का सामना करते समय काजू और बादाम खाना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। यह मार्गदर्शन हरियाणा स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व निदेशक पंकज वत्स के साथ हुई बातचीत से प्राप्त हुआ है।

डायबिटीज और थायराइड: डॉ. पंकज वत्स सलाह देते हैं कि जिन व्यक्तियों को डायबिटीज और थायराइड की समस्याएँ हैं, उन्हें काजू और बादाम से बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि इन स्थितियों के मरीज अक्सर दवा लेते हैं, और काजू और बादाम खाने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जो उनकी स्वास्थ्य स्थिति को और बिगाड़ सकती है। यदि इन मेवों का सेवन करना आवश्यक है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

माइग्रेन और सिरदर्द: डॉ. पंकज वत्स का कहना है कि माइग्रेन और सिरदर्द से पीड़ित व्यक्तियों को काजू और बादाम से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि इन मेवों में मौजूद अमीनो एसिड सिरदर्द और माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।

रक्तचाप: जिन लोगों को उच्च रक्तचाप है, उन्हें काजू और बादाम से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इन मेवों में सोडियम की मात्रा रक्तचाप के स्तर को बढ़ा सकती है, जो शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। पंकज वत्स सलाह देते हैं कि यदि आप इन्हें खाने का निर्णय लेते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

गुर्दे की पथरी: जिन व्यक्तियों को गुर्दे की पथरी होती है, उन्हें बादाम से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें मौजूद ऑक्सलेट हानिकारक हो सकता है और यह कैल्शियम ऑक्सलेट पत्थरों के सबसे सामान्य प्रकार की पथरी के विकास में योगदान कर सकता है। बादाम का सेवन स्थिति को और बढ़ा सकता है और दर्द और असुविधा को बढ़ा सकता है। इसलिए, जिन लोगों का पत्थरी का इतिहास है, उन्हें इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने आहार से बादाम को पूरी तरह से हटा देना चाहिए। गुर्दे की सेहत को बनाए रखने और भविष्य में पथरी के निर्माण को रोकने के लिए किसी चिकित्सा विशेषज्ञ से व्यक्तिगत पोषण संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त करना आवश्यक है।

मेनोपॉज़: महिलाओं को मेनोपॉज़ के दौरान, चाहे अनजाने में ही सही, काजू और बादाम से बचना चाहिए, क्योंकि इन मेवों की गर्मी बहुत अधिक होती है, जिससे शरीर में अत्यधिक गर्मी हो सकती है।

इसके अतिरिक्त, यदि महिलाएँ मेनोपॉज़ के दौरान काजू और बादाम का सेवन करती हैं, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। मेनोपॉज़ का मतलब महिलाओं में मासिक धर्म का अंत होता है, जिसके दौरान उनकी प्रजनन क्षमता में कमी आने लगती है।

वजन बढ़ना: यदि आप मोटापे से जूझ रहे हैं और काजू या बादाम का सेवन करते हैं, तो इससे वजन घटाने में मदद नहीं मिलेगी। इसका कारण यह है कि काजू और बादाम में फैट की मात्रा अधिक होती है, और इन्हें खाने से वजन बढ़ सकता है।

डॉ. पंकज वत्स सलाह देते हैं कि यदि आप पतला और फिट शरीर बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको सूखे मेवों का सेवन अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए।

सर्जरी से पहले और बाद: यदि आप सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं या हाल ही में एक सर्जरी करवाई है, तो काजू का सेवन पूरी तरह से बंद करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसका कारण यह है कि काजू शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे उतार-चढ़ाव सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान और बाद में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में जटिलताएँ उत्पन्न कर सकते हैं। उच्च या अस्थिर रक्त शर्करा के स्तर कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जिसमें धीमी चिकित्सा और संक्रमण का बढ़ा हुआ जोखिम शामिल है। इसलिए, एक सहज रिकवरी प्रक्रिया सुनिश्चित करने और अपने स्वास्थ्य पर बेहतर नियंत्रण बनाए रखने के लिए, इस महत्वपूर्ण समय के दौरान अपने आहार से काजू को हटा देना सलाहकार है। सर्जरी से पहले और बाद में व्यक्तिगत आहार सिफारिशों के लिए हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करें।

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